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Tuesday, March 1, 2016



कौन हो तुम ?

फूलों की डाली सी कोमल,  महकी पौन हो तुम !
इड़ा सी स्थिर, धरती सा धैर्य ,क्या औन हो तुम !!
भोली लहरें कह जाएँगी मन की बात किनारे से , ,,,
मानिनी मन की बात अधर धरे क्यों मौन हो तुम !! तनुजा ''तनु ''

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