बिटिया, ,,,
घर की रौनक रोशनी, मन की निर्मल चाह,
गुड़िया, शक्ति, नीलपरी, पाये सोची राह !
पाये सोची राह, ढोंग समाज के तोड़े !
बन बुलंद आवाज , रूढ़ियों के मुँह मोड़े !!
बदले जन की सोच , भारती के अवसर की !
जुग जुग पाये मान , बिटिया रोशनी घर की !! ,,,,..तनुजा ''तनु ''
घर की रौनक रोशनी, मन की निर्मल चाह,
गुड़िया, शक्ति, नीलपरी, पाये सोची राह !
पाये सोची राह, ढोंग समाज के तोड़े !
बन बुलंद आवाज , रूढ़ियों के मुँह मोड़े !!
बदले जन की सोच , भारती के अवसर की !
जुग जुग पाये मान , बिटिया रोशनी घर की !! ,,,,..तनुजा ''तनु ''
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