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Monday, March 7, 2016

बिटिया, ,,,

घर की रौनक रोशनी, मन की निर्मल चाह, 
गुड़िया, शक्ति, नीलपरी,   पाये सोची राह !
पाये सोची राह,    ढोंग समाज के तोड़े !
बन बुलंद आवाज , रूढ़ियों के मुँह मोड़े !!  
बदले जन की सोच ,  भारती के अवसर की !   
जुग जुग पाये मान , बिटिया रोशनी घर की !! ,,,,..तनुजा ''तनु ''    

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