योग की शरण जाइए
देह कचनार की कली, व्याधियां हैं अपार ;
बाहर दुश्मन हैं बली , पीड़ा अंतर मार !!
पीड़ा अंतर मार !! कैसे जान बचाइए ?
पड़िए मत बीमार , योग की शरण जाइए
करना सरल उपाय लें सदाचार की गेह
लेना इसे बचाय ! कचनार की कली देह
देह कचनार की कली, व्याधियां हैं अपार ;
बाहर दुश्मन हैं बली , पीड़ा अंतर मार !!
पीड़ा अंतर मार !! कैसे जान बचाइए ?
पड़िए मत बीमार , योग की शरण जाइए
करना सरल उपाय लें सदाचार की गेह
लेना इसे बचाय ! कचनार की कली देह
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