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Kaavya
Thursday, January 11, 2018
लिखने वाले हाय रे , क्या क्या तू लिख जाय ;
लिखने वाले हाय रे , क्या क्या तू लिख जाय ;
धरती को मूरख बना , माया से नहलाय !
माया से नहलाय ! बर्फ की करे बुवाई ;
बहरों से बतियाय, आग की फसल उगाई !
रही ''तनु'' घबराय , जगत तो देखे सपने !
पाथर भी शरमाय , बोल ?? बैठेगी लिखने !! .. ''तनु ''
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