Labels

Friday, January 12, 2018

इस जहां में कहीं जो मोतबर है मेरा ;




इस जहां में कहीं जो मोतबर है मेरा ;
रब तू भी तो है यहीं जहाँ घर है मेरा !

धूप देने वाले तू देता रहा धूप मुझको ;
हर जगह तू ही तो मुन्तज़िर है मेरा !

पहुँचूँ कहीं भी मैं तुझसे न बिछड़ूँगा ;
तू ही तो हमसफ़र हम नज़र है मेरा !... ''तनु''

No comments:

Post a Comment