Labels

Sunday, January 21, 2018

नवनीत राय रुचिर हैं,  दोहों के सरताज !
निर्मल दोहे रच रहे, गुरु अर्चन  में आज !!
न्यारी उनकी सीख है, उपासना है राज़  , ,,
गुरु मिलाये मीत मिले, हम को उन पर नाज़ !!.. ''तनु''


No comments:

Post a Comment