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Tuesday, January 23, 2018

जिंदगी!!! सिवा दर्द के

जिंदगी!!!
सिवा दर्द के
कुछ नहीं
आँख में नमी है
कोई बात नहीं ,,
बहलना!!!
आसान नहीं
सिर्फ दुखी हूँ
दुःख से , ..
इतनी उदास के उदासी 
दरवाजे खिड़कियों 
से भी जाहिर है
दीवारें भी रो  रही  है ,..
दिल करता है !!!
चाँद छू लूँ ..
मेरे हाथ लम्बे  नहीं
इतना बड़ा अँकुड़िया
भी नहीं मेरे पास
के  चाँद अटका लूँ
और ले आऊं अपने पास
क्या करूँ!!!
ईश्वर का नाम लेने से तो 
आत्मा को 
मोक्ष मिल जाएगा
मंदिर मस्जिद 
जा ही रहे हैं!!!
जमीन को रौंदते हैं 
वहाँ की 
मिटटी छानते हैं बस
जिसको कहते हैं
ख़ाक छानना!!!
वो हर बन्दा कर रहा है , ,,,,''तनु''

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