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Friday, January 26, 2018

हर कुँए पड़ी भांग है, पवन कर रहा घात !



हर कुँए पड़ी भांग है, पवन कर रहा घात !
सजन पराया गाँव है, जहर मिला है भात !!

जन जन से गणतंत्र है, जन ही है लाचार !
आग अपना लगा गया, जलता है घर बार !!

जाने किस रंग रंगे,  तीन रंग को भूल !
खोते ना ये तीन जो, नहीं सूखता मूल !!... ''तनु''

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