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Thursday, January 4, 2018

कहे जलेबी प्यार ही चाहूँ

कहे जलेबी प्यार ही चाहूँ ;
बदले में आभार न चाहूँ !

मुझको खा तकरार न करना ;
मन की कड़वी दरार भरना ,
मुझसी मिठास रिश्तों में घुले, ,,
आपसी लड़ाई झगड़ा भूले !
बस मीठा  प्रचार ही चाहूँ !!
अलगाव की दीवार न चाहूँ , ,,
बदले में आभार न चाहूँ !

चाहे टेढ़ी मेढ़ी मैं हूँ ;
रंगभरी अलबेली मैं हूँ ,
रस रस देखो अंग समाता , ,,
खट्टे से दूर तक न नाता !
कड़वाहट के घूँट न चाहूँ!!
मैं तो सबसे प्यार जताऊँ , ,,
बदले में आभार न चाहूँ !

लोकप्रिय भारतीय मिठाई ;
इमरती है मेरी माँ जाई ,
और बहुत हैं मीठी चीजें, ,, 
रहते हैं हम बहना भाई 
तन मन को अल्हादित चाहूँ !!
मन पर कोई भार ना चाहूँ , ,,,
बदले में आभार न चाहूँ! ... ''तनु '' 










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