सजे आखर तारों के, रजनी करती याद ;
नवल सवेरा आ गया, लेकर के अवसाद ,
लेकर के अवसाद, कुछ कण आँसू बो गयी !
कौन सुने फ़रियाद, ओस बनी फिर खो गयी !!
आये जब दिनमान, स्याह वसन तम ने तजे ,
आये जब दिनमान, स्याह वसन तम ने तजे ,
हँस रहा आसमान, माँग सिन्दूर में सजे !! ... ''तनु''
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