दहकते कुछ पलाश हैं करीब दिल के ;
अनजाने से सवाल हैं गरीब दिल के !
कितने पास हो कर भी वो दूर ही रहे ;
फ़िराक़ और विसाल हैं नसीब दिल के !
आखिर हम जा न सके उसके रू ब रू ;
उलझने और जाल हैं हबीब दिल के !
नामजद किसे हुआ इश्क का तोहफ़ा ;
खुशियां और मलाल है शरीक़ दिल के !
चाहत रही मेरी कभी उफ़ुक़ को चूम लूँ ;
उरूज़ और जवाल हैं रक़ीब दिल के !.... ''तनु ''
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