Labels
Jyotish
Kaavya
Wednesday, January 17, 2018
उलझी डोर पतंग की, बिखर गये अरमान ;
उलझी डोर पतंग की, बिखर गये अरमान ;
राह कठिन थी जिंदगी, समझी थी आसान !
रोते काला मुँह लिये,
खो बैठे हैं
होश, ,,
अपने
हाथों लु
ट गए,
हुआ न उनको भान !!... ''तनु''
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment