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Wednesday, August 29, 2018

क्रोध

क्रोध दुश्मन इंसा का,  सब कुछ करे तबाह !
चुप रह कर सह जाइये, करता मौन निबाह !!

 क्रोध करें ये हक नहीं,  अगर सही हैं आप !
क्रोधित हों ये हक नहीं,अगर गलत हैं आप !!

मन से ज्यादह ये चले, कड़वी होय जुबान !
खो जाता है क्रोध में,    बुद्धिमान गुणवान !!

 काम करके थके नहीं , क्रोध करे थक जाय ! 
 जब सिंहासन क्रोध है ,   बुद्धि भ्रष्ट हो जाय !! 

बढ़ाये गलतफहमियाँ, रिश्तों में विष घोल !
क्रोध चढ़े जब नाक पर, कड़वे होते बोल !!

क्रोध को जब हराइये,  कुछ क्षण रहिये मौन !
खुद-ब-खुद चला जायगा, फिर बातें हैं गौण !!

मूरख प्रकटे क्रोध को,    बुद्धिमान है मौन!
शांत चित्त वश में रहे,  बुद्धिमान सम कौन!!

मन की पीड़ा आप तो,  कह सकता न अबोध !
जो कह सके न बात को,  उसको आता क्रोध!!

ख़ुद को  देता है सजा ,  जाने ना परिणाम! 
क्रोधी मानुष का सदा,   बुरा हुआ अंजाम !!

व्यक्ति की कमजोर कड़ी, गन्दी आदत क्रोध !
खो जाता है मान भी,       नियंत्रण का न बोध !!

अपने दिल की ना कहे,    जी दूजे का खाय !
जिद अपनी ही करके,   जुबाँ बुरी कर जाय !!

क्रोधित के व्यवहार का,  होगा क्या परिणाम ?
बुद्धिमान या बुद्धू हो,     हुआ बुरा अंजाम !!... ''तनु'' 

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