क्रोध दुश्मन इंसा का, सब कुछ करे तबाह !
चुप रह कर सह जाइये, करता मौन निबाह !!
क्रोध करें ये हक नहीं, अगर सही हैं आप !
क्रोधित हों ये हक नहीं,अगर गलत हैं आप !!
मन से ज्यादह ये चले, कड़वी होय जुबान !
खो जाता है क्रोध में, बुद्धिमान गुणवान !!
काम करके थके नहीं , क्रोध करे थक जाय !
जब सिंहासन क्रोध है , बुद्धि भ्रष्ट हो जाय !!
बढ़ाये गलतफहमियाँ, रिश्तों में विष घोल !
क्रोध चढ़े जब नाक पर, कड़वे होते बोल !!
क्रोध को जब हराइये, कुछ क्षण रहिये मौन !
खुद-ब-खुद चला जायगा, फिर बातें हैं गौण !!
मूरख प्रकटे क्रोध को, बुद्धिमान है मौन!
शांत चित्त वश में रहे, बुद्धिमान सम कौन!!
मन की पीड़ा आप तो, कह सकता न अबोध !
जो कह सके न बात को, उसको आता क्रोध!!
ख़ुद को देता है सजा , जाने ना परिणाम!
क्रोधी मानुष का सदा, बुरा हुआ अंजाम !!
व्यक्ति की कमजोर कड़ी, गन्दी आदत क्रोध !
खो जाता है मान भी, नियंत्रण का न बोध !!
अपने दिल की ना कहे, जी दूजे का खाय !
जिद अपनी ही करके, जुबाँ बुरी कर जाय !!
क्रोधित के व्यवहार का, होगा क्या परिणाम ?
बुद्धिमान या बुद्धू हो, हुआ बुरा अंजाम !!... ''तनु''
चुप रह कर सह जाइये, करता मौन निबाह !!
क्रोध करें ये हक नहीं, अगर सही हैं आप !
क्रोधित हों ये हक नहीं,अगर गलत हैं आप !!
मन से ज्यादह ये चले, कड़वी होय जुबान !
खो जाता है क्रोध में, बुद्धिमान गुणवान !!
काम करके थके नहीं , क्रोध करे थक जाय !
जब सिंहासन क्रोध है , बुद्धि भ्रष्ट हो जाय !!
बढ़ाये गलतफहमियाँ, रिश्तों में विष घोल !
क्रोध चढ़े जब नाक पर, कड़वे होते बोल !!
क्रोध को जब हराइये, कुछ क्षण रहिये मौन !
खुद-ब-खुद चला जायगा, फिर बातें हैं गौण !!
मूरख प्रकटे क्रोध को, बुद्धिमान है मौन!
शांत चित्त वश में रहे, बुद्धिमान सम कौन!!
मन की पीड़ा आप तो, कह सकता न अबोध !
जो कह सके न बात को, उसको आता क्रोध!!
ख़ुद को देता है सजा , जाने ना परिणाम!
क्रोधी मानुष का सदा, बुरा हुआ अंजाम !!
व्यक्ति की कमजोर कड़ी, गन्दी आदत क्रोध !
खो जाता है मान भी, नियंत्रण का न बोध !!
अपने दिल की ना कहे, जी दूजे का खाय !
जिद अपनी ही करके, जुबाँ बुरी कर जाय !!
क्रोधित के व्यवहार का, होगा क्या परिणाम ?
बुद्धिमान या बुद्धू हो, हुआ बुरा अंजाम !!... ''तनु''
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