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Tuesday, June 16, 2015

ज्ञान का पंख छुआ दो माँ 

ज्ञान का पंख छुआ दो माँ , 
आज तो अंक छुपा लो माँ !!


पाणि कलम सुशोभित हो ;
वाणी भी अलंकृत हो !
फिर देह कैसे मलिन रहे , ,,
मस्तक मयंक सजा दो माँ !!
ज्ञान का ...................... 

निर्भय करो निर्दय न हों ;
निर्गुण करो निर्बल न हों !
संज्ञान विज्ञान घट पूर्ण रहे , ,,
ज्ञान का शंख बजा दो माँ !! 
ज्ञान का ………… 

निपुण बनें निर्मम न हों;
विद्वान बने निरंग न हों !
विषहा विषयक बने रहें, ,, 
अज्ञान कलंक हटा दो माँ !!
ज्ञान का……

हे वागीश्वरी वाणी दो ;
हे ज्योतिर्मयी ज्योति दो !
मन कानन में पुष्प खिले, ,,
विषमय डंक हटा दो माँ !!
ज्ञान का......... 


ज्ञान का पंख छुआ दो माँ ;
आज तो अंक छुपा लो माँ!! … तनुजा ''तनु ''




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