सिर्फ तुम्हारे लिए
तुम पास हो मगर तुम्हारा पता नहीं ;
मौसमों ने दी कई दिन से सदा नहीं !
सिर्फ ''पर'' ही नहीं हौसले भी साथ ;
बुलंदी छू आऊँ चाहे हो हवा नहीं !
गुल रज़ामंद है खिलने को हैं तैयार !!
हरेक हर्फ़ मेरा, सबां ने लिखा नहीं , ,,
बस्ती हो कोई सी जहाँ हो कोई सा , ,,
दुनिया में कोई भी तेरे सिवा नहीं !!
मैं हूँ राहत से ये तूने जाना कैसे ??
सुखन कोई जुबां ने तुझसे कहा नहीं !
दर्द कितना कैसा तेरी जुदाई में सहा ?
शमा है धुँआ दवा का फायदा नहीं , ,,
हो पास फिर भी है इंतज़ार तुम्हारा , ,,
मुद्दआ मौन है ''तनु '' और लबों पे सदा नहीं !!! ,,तनुजा ''तनु ''
दर्द कितना कैसा तेरी जुदाई में सहा ?
शमा है धुँआ दवा का फायदा नहीं , ,,
हो पास फिर भी है इंतज़ार तुम्हारा , ,,
मुद्दआ मौन है ''तनु '' और लबों पे सदा नहीं !!! ,,तनुजा ''तनु ''
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