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Saturday, June 27, 2015

सिर्फ तुम्हारे लिए 


तुम पास हो मगर तुम्हारा पता नहीं ;
मौसमों ने दी कई दिन से सदा नहीं !

सिर्फ ''पर'' ही नहीं हौसले भी साथ ;
बुलंदी  छू  आऊँ चाहे हो  हवा नहीं ! 

गुल रज़ामंद है खिलने को हैं तैयार !!
हरेक हर्फ़ मेरा, सबां ने लिखा नहीं , ,,

बस्ती हो कोई सी जहाँ हो कोई सा , ,,
दुनिया में कोई भी तेरे सिवा नहीं !! 

 मैं हूँ राहत से ये तूने  जाना कैसे ??
सुखन कोई जुबां ने तुझसे कहा नहीं !

दर्द कितना कैसा तेरी जुदाई में सहा ?
शमा है  धुँआ दवा का  फायदा नहीं , ,,

हो  पास  फिर भी है इंतज़ार तुम्हारा , ,,
मुद्दआ मौन है ''तनु '' और लबों पे सदा नहीं !!! ,,तनुजा ''तनु ''


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