हम ! हमारी ही खुदी !! हाय रे ये दिन दिखाए हैं !
नज़रें बार -ए - नदामत से उठेंगी अब कभी कैसे ?
शर्म -ओ - रंज -ओ - गम लिए क्या आँसू बहाये है ??
जहान पालीथिन का,प्लास्टिक का, मशीनी बशर का , ,,
सुकूं खोया जिंदगी गुज़रे पलों को बुलाये है !
तुम ढूँढ़ते हो पा - ए - हवा और हँसी परिंदो की ?
गुलों को कुचला है कुदरत के जलवे मिटाये हैं, ,,,
धरा धैर्य धर्म का, धर रही धरती अधरों धीर ,
दहन दोहन दास्ताँ' जी में दावानल जलाये है!!!
मनाने जश्न मौज - ए -हवा - ए -गुल को बहने दो ;
बड़ी मुश्किल से ईश्वर ने हमें ये दिन दिखाए हैं !!
मनाने जश्न मौज - ए -हवा - ए -गुल को बहने दो ;
बड़ी मुश्किल से ईश्वर ने हमें ये दिन दिखाए हैं !!
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