क्यों रखता है ??
दश्त - ओ - सहरा में जज़ीरा क्यों रखता है ?
पाँव के नीचे वो जन्नत क्यों रखता है ?
ज़ालिम दरिया किनारा तोड़ चलता है, ,,
जिद है तूफां की किनारा क्यों रखता है ?
इश्क का महल है और साँसों की गिनती , ,,
कहाँ निकले साँसे दरीचे क्यों रखता है ?
झुक गयी आँखें खामोश है दरिया दिल, ,,
बंद होठों पे कोई मौन क्यों रखता है ?
ये शब ही है या कोई तसव्वुर मेरा ?
या आसमान ही ये चाँद क्यों रखता है ?
मैं तो बिखरी रहूँगी रंग ओ ख्वाब में , ,,
दिल तेरा बेवजह इंकार क्यों रखता है ?
आईने से हर रोज़ ही पूछ कर देखा , ,,
फ़क्त शीशा है तू अक्स क्यों रखता है ?,,,,तनूजा ''तनु ''
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