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Monday, June 29, 2015

कुंडलियाँ छंद 

मालवी में …

चम चम चमके बीजळी, करे वादरा सोर ;

नैणा वरसे मेवलो,   हूक काळजे कोर !
हूक काळजे कोर,  झाँझरां झन झन झनके ;
राते बोल्या मोर , चूडलो खन खन खनके !
काजळ छूट्यो कोर, रोवै आँख्या झमझम ;
हिरदा उठे हिलोर , चमके बीजळी चमचम !!……तनुजा ''तनु ''

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