मन पखेरू
सुमरिनी टूट भी जाए, भगवत स्मरण होता है ;
तमस छाया जमाने में उजास स्व मन होता है !
कमल खिलकर तड़ाग बढा रहा सम्मोहन धरा का ;
कवि बनूँ गीत गाऊँ झूम नाचूँ स्फुरण' होता है !!!,,……तनुजा ''तनु ''
सुमरिनी टूट भी जाए, भगवत स्मरण होता है ;
तमस छाया जमाने में उजास स्व मन होता है !
कमल खिलकर तड़ाग बढा रहा सम्मोहन धरा का ;
कवि बनूँ गीत गाऊँ झूम नाचूँ स्फुरण' होता है !!!,,……तनुजा ''तनु ''
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