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Monday, June 8, 2015

एक जनम


बहा श्रम बिंदु' पथ महकाना अभी है ;
नखत लाकर  पथ चमकाना अभी है !!

नसीब न रहा है  सदा एक सा ही ;
दिन सिर्फ दो का अफ़साना अभी है !!

कुछ कह !!! जुमला हो नन्हा' आशना सा;
इन्तजार में ये ज़माना अभी है!!  

जगे हैं शब!!! सहर सुहानी नहीं थी ;
जनम और भी हाथ आना अभी है !!

हमारी पहल अगरचे कुछ इस तरह;
वही राग  जाना  सुनाना अभी है !!

जनम 'सात' औ  'सौ'  ना बात करें हम ;
जनम इक निभा लें  निभाना अभी है !!,,,,''तनु ''

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