योग
राज़ सब जान गये हैं, जिसने जो चाहा मिला ,
योग करेगा वही जानेगा, उसको क्या मिला !
इस जमीं पे झोपडी वाला हो या महल वाला,
खो गए वीराने,सबको चाँद का रास्ता मिला !
इस सफर में, आसन हैं और आयाम सांसों के,
काया नफीस बनती, रोगों से छुटकारा मिला !
सब पुराने कठिन रोगों को अब धो डालो तुम,
साथ सूरज के चलने वालों को ही साया मिला !
ध्यान करने और प्राणायाम में निरंतरता बने,
खुद को देखोगे, कहोगे कोई शहज़ादा मिला !...''तनु ''
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