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Saturday, June 10, 2017


मालवी में 


असाढ़ रा डंका वज्या, बादळी नी समाय !
कठे वरसे या बदली,  पूछ कुण रे जाय??

आषाढ़ के मेघ घने,     ढोल बजाते आय !
कहाँ बरसते ये भला,     कौन पूछने जाय??.."तनु''

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