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Monday, June 26, 2017



ईद की ईदी !


चाहतों के दामनों में बरसती है ईद की ईदी !
हो गयी इबादत पूरी चाहूँ  मैं मुरीद की ईदी !!

नफरतें हो लाख पर मुहब्बतों  की खुश्बुएँ हो !
 बंदगी और दुआओं से बड़ी तेरी दीद की ईदी !!

कीजिये कायम सख़ावत औ ज़कात जिंदगी में !
मिलती नहीं  फिर शिकायत औ ताक़ीद की ईदी !!

चाँद का दीदार कर और दे  इमदाद गरीबों को !
माहे रमजान में तुझे मिल जायेगी तौफ़ीक़ की ईदी !! 

प्यास शदीद रख दरिया का रुख कर ऐ नेकदिल !
इल्म की इमदाद ले  लो फन और अदीब की ईदी !!,''तनु ''

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