ईद की ईदी !
चाहतों के दामनों में बरसती है ईद की ईदी !
हो गयी इबादत पूरी चाहूँ मैं मुरीद की ईदी !!
नफरतें हो लाख पर मुहब्बतों की खुश्बुएँ हो !
बंदगी और दुआओं से बड़ी तेरी दीद की ईदी !!
कीजिये कायम सख़ावत औ ज़कात जिंदगी में !
मिलती नहीं फिर शिकायत औ ताक़ीद की ईदी !!
चाँद का दीदार कर और दे इमदाद गरीबों को !
माहे रमजान में तुझे मिल जायेगी तौफ़ीक़ की ईदी !!
प्यास शदीद रख दरिया का रुख कर ऐ नेकदिल !
इल्म की इमदाद ले लो फन और अदीब की ईदी !!,''तनु ''
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