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Thursday, June 22, 2017



गम कहीं और हरे न हो जाएँ ,
देखना आँख कुछ न कह जाए !

कह चुकूँ तो चुप्पी भी सुन लेना , ,,
याद के फूल खिल के मुरझाए ... ''तनु ''


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