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Sunday, June 25, 2017





यामा मनमौजी हुई , जम्हाई आह्वान !
नींद में ये मगन हुई, भूली अपना मान!!
भूली अपना मान, लगन अब सोने की है ,
 है चाँदी का चाँद,       रात तो सोने सी है !
 रोज़ निभाए चाकरी ये हुआ क्यों रामा ???
  जम्हाई आह्वान !   हुई मनमौजी यामा !!....''तनु ''

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