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Monday, February 5, 2018

रुत आई पतझड़ की




रुत आई पतझड़ की कानन में पात निपात रहे; 


फिर वसंत के आगमन वन में साज निवाज रहे!
  
पिक बैनो ने गूँज लगाई तन उल्लासित हो गया; 
  
प्रकृति संग जन जन के मन में राज विराज रहे !!.... तनुजा ''तनु ''

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