उडा है गुलाल रंग , गाल भाल लाल हुए !
अंग अंग गोपिन के , इठलाया फागुन है !!
अंग अंग गोपिन के , इठलाया फागुन है !!
आस परम की लगी, ध्यान में मगन भई !
हिय में हुलास भर , मनभाया फागुन है !!
हिय में हुलास भर , मनभाया फागुन है !!
बिरहन का जियरा ले, धीमे से हुई भोर !
यादों के अहसासों में, अलसाया फागुन है !!
कबहुँक गोपी संग , कबहुँक ग्वालों संग !
भोर से गोधूलि तक , रंगलाया फागुन है !!
ढल गयी शीत अब , भ्रमरों ने गाये गीत !
अलि कली नाच रही , थिरकाया फागुन है !!
अनंग के उत्सव में , अनकही चाहत में !
डालियाँ झकझोरती , पगलाया फागुन है !!
कलियाँ ले झूमी डाल, बदले हैं चाल ढाल !
ढप और मृदंग ले, इतराया फागुन है !!
देखो अब चंग बजी , गली हुड़दंग मची !
टोली ''तनु'' टोलियों में, हुरियाया फागुन है !! ... ''तनु''
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