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Tuesday, February 27, 2018



जब मंद पवन की मादकता,
मन भाव हिलोर ले !
जब रुनझुन पायल किंकिणियाँ, 
धीमी चहुँओर  रे ---

नयनन सोहे रंग सिंदूरी,
 प्रीत दुनी हो गयी , ,,,,
टेसू मन में खुशियाँ बोते, 
है लगन अछोर रे ----

जब प्रीत प्रेम के दाम नहीं 
चाह सजाती रूप 
देह जगाती कामना 
तुम प्रिय चितचोर रे ---

महुआ तरुवर गदराया है 
महका है हर ठौर 
केसर क्यारी धूप चली है 
बाँध नेह डोर रे ---
... ''तनु''



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