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Sunday, February 11, 2018

गालों पर गुलाब खिले



 गालों पर गुलाब खिले , बदल गयी है चाल !
देह मछरिया फँस गयी , कामदेव के जाल !!

 पात हो तुम तो पियरे,   कल का क्या हो ठौर ?
 कल हरियाए से हँसे ,     आज ठिकाना और !!

 पात हैं हम तो पियरे, कल का क्या हो ठौर 
कल हरियाए से हँसे ,   आज ठिकाना और !!.. ''तनु''

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