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Monday, February 5, 2018


शाम ही से हुआ खफा देखो ;
शाम ही से दुआ दवा देखो !!

दिल जलाया अभी अभी उसने ;
दूर ही से रवा दवा देखो !!

रंग फूलों सा  ''संग'' ले चले ;
उलझन में रहा बागबा देखो !!

शाख फूलों भरी कहाँ ज़ख़्मी ;
खार सब ही हुए महरबा देखो !!

शाम ढलती रही बिना उसके ;
आज ऐसा सितम सहा देखो !!

क्यों धुँआ दे रहे जिस्म जां भी ;
आतिश है रग रग में रवा देखो !!

कौन चला ये अभी अभी आगे ;
ज़िंद खोकर रहा जवा देखो !!,,,,तनूजा ''तनु ''

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