प्रेम नगर के बाशिंदे जुड़ गए ;
प्रीत लेने प्रेम परिंदे उड़ गए !
गीत गायें, बुलबुलें नाचें चमन ;
लेने मधु प्रीत कारिंदे निचुड़ गए !
चैन से सो लूँ मेरी है चाह इक , ,,
पाप से डर सारे दरिंदे मुड़ गए !!
बस्तियाँ हैं चाह की कुछ दूर पर ;
लो खुदा के नुमाइंदे उमड़ गए !!
दिल धड़कता है जज़्बात प्यार के ;
राग रसिया ले, साजिन्दे जुड़ गए !!..... तनुजा ''तनु ''
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