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Tuesday, February 6, 2018

  निगाहें जाती है जहाँ तक, ये आसमान मेरा है ;
 कहे उफ़ुक़ समंदर ये लहर,  ये जहान भी मेरा है !
 चलती रही हूँ मैं  जहाँ तक,     लहरें आ ही जाएँगी , ,,, 
 अभी उस चाँद तक जाऊँगी,  वो निगहबान मेरा है !! .. ''तनु'' 

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