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Friday, February 2, 2018

नसीब तेरा सवाल ऐसा था !



रोटियों का सवाल ऐसा था !
नसीब तेरा सवाल ऐसा था !!

गोल चपटी नक्श लिए फूली !
सोँधी  रोटी सवाल ऐसा था !!..

ठंढी या जली, पकी कच्ची ही हो !
पतले मोटों का सवाल ऐसा था !!

रोटी तो हाल हर चाहिए साहब !
नेक ही था पर ख़याल ऐसा था !!

हाथ की किस लकीर में खोया !
कौड़ियों का सवाल ऐसा था !!

रोटियाँ जब सिकी सिकती गयी !
मौजियों का जवाल ऐसा था !!

परत परतें जली मिली मौला  ! 

था नहीं पर इक़बाल ऐसा था !!

नोचती थी निगाह भूखी थी 
 बोटियों का सवाल ऐसा था .. ''तनु''





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