ख़ौफ़ बिकता मोल बिन, और मुनाफे में तबाही !
खून से लथपथ ज़मीं है, कौन देगा ये गवाही !!
बात उन की शीर शीरीं, संग सब उनके हुए !
इस तरह मिलती गयी है, खास उनको बादशाही !!
कुछ सवाल गए भाड़ में, कुछ रखे हैं ताक पर !
बहुत बड़े फ़नकार हैं ये, कीजिये बस वाहवाही !!
बैठते वातानुकूलक, मापते हैं शीत गर्मी !
पी रहे हैं कोक, फेंटा, भूलते मटका सुराही !!
देश में ऐसी जम्हूरियत, सिकीं सियासती रोटियाँ !
रो रही मजबूर जनता, खो गए दीन -ए - इलाही !!
वो नहीं पूछेंगे हाल''तनु''आप अपनी जानिये !
कौन है जो चल के पूछे कहाँ हैं जिल्लेइलाही !!.. ''तनु''
खून से लथपथ ज़मीं है, कौन देगा ये गवाही !!
बात उन की शीर शीरीं, संग सब उनके हुए !
इस तरह मिलती गयी है, खास उनको बादशाही !!
कुछ सवाल गए भाड़ में, कुछ रखे हैं ताक पर !
बहुत बड़े फ़नकार हैं ये, कीजिये बस वाहवाही !!
बैठते वातानुकूलक, मापते हैं शीत गर्मी !
पी रहे हैं कोक, फेंटा, भूलते मटका सुराही !!
देश में ऐसी जम्हूरियत, सिकीं सियासती रोटियाँ !
रो रही मजबूर जनता, खो गए दीन -ए - इलाही !!
वो नहीं पूछेंगे हाल''तनु''आप अपनी जानिये !
कौन है जो चल के पूछे कहाँ हैं जिल्लेइलाही !!.. ''तनु''
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