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Wednesday, January 15, 2020


यूँ पत्थर पत्थर जल ढूँढना क्या ?

ऊसर उगे ना फसल ढूँढना क्या ?

शेर मेरे कुछ भी ना कह पाएँगे ,

इस नाक़ामी में सहल ढूँढना क्या?

धड़कती बस्ती में किलकारियाँ थी, 

गीत भी नहीं है ग़ज़ल ढूँढना क्या ?

काफिला ले के चला रहबर बनेगा ,
आदमी ऐसा आजकल ढूँढना क्या?

ये नगर है रूखा सूखे शजर हैं ,
बशर बिन चहल पहल ढूँढना क्या ?

खुद खुश रहें और सबको रखें खुश ,
 शुभ कामना दें पहल ढूँढना क्या ??.... "तनु"' 

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