यूँ पत्थर पत्थर जल ढूँढना क्या ?
ऊसर उगे ना फसल ढूँढना क्या ?
शेर मेरे कुछ भी ना कह पाएँगे ,
इस नाक़ामी में सहल ढूँढना क्या?
धड़कती बस्ती में किलकारियाँ थी,
गीत भी नहीं है ग़ज़ल ढूँढना क्या ?
काफिला ले के चला रहबर बनेगा ,
आदमी ऐसा आजकल ढूँढना क्या?
ये नगर है रूखा सूखे शजर हैं ,
बशर बिन चहल पहल ढूँढना क्या ?
खुद खुश रहें और सबको रखें खुश ,
शुभ कामना दें पहल ढूँढना क्या ??.... "तनु"'
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