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Wednesday, January 29, 2020

पात सूखे उड़ चले, ऋतुराज आया

पात सूखे उड़ चले, ऋतुराज आया !
सिहरते से दिन गये, ऋतुराज आया !!

लहक फूलों सी उठी, डाली पेड़ की ! 
गंध मधुर मदिर भरी, ऋतुराज आया !!

खेत सरसों छा गया है, रूप पीला !
धूप निखरी सी उठी, ऋतुराज आया !!

मान मनुहार कर, जीवन प्यार जागा ! 
भृंग गाते गीत हैं, ऋतुराज आया !!

तितलियाँ है बाग़, गाती डाल चिड़िया !
क्षितिज तक बिखरी खुशी, ऋतुराज आया !!... ''तनु''

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