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Sunday, January 26, 2020

सोच में उछाल है ख़्वाबों की ज़मी है !

सोच में उछाल है ख़्वाबों की ज़मी है !
आसमां मंज़िल है,  क़दमों में ज़मी है !!

सोज़िशें रग रग,  दीवानों की नज़र है !

सहरा भी हरा है, नहीं मेहनत में कमी है !!

तसव्वुर नहीं भूख का, मसरुफ हूँ बहुत !

कोशिशें मेरी ही ज़मी है कि थमी है !!

राहें हसीं निगाह हैं, खतरों की मंज़िलें !

मुसीबतों के मुकाम कहीं बर्फ़ जमी है!!

बेख़ौफ़ बना दिया हूँ जहां ने इश्क़ में !

ओढ़ तिरंगा सो रहा क्यों आँखों नमी है !!

देश की खातिर आ इसमें लिपट के देख !

मिलती हैं सलामियाँ 'तनु' वह तो हमी है !!... 'तनु'






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