सोच में उछाल है ख़्वाबों की ज़मी है !
आसमां मंज़िल है, क़दमों में ज़मी है !!
सोज़िशें रग रग, दीवानों की नज़र है !
सहरा भी हरा है, नहीं मेहनत में कमी है !!
तसव्वुर नहीं भूख का, मसरुफ हूँ बहुत !
कोशिशें मेरी ही ज़मी है कि थमी है !!
राहें हसीं निगाह हैं, खतरों की मंज़िलें !
बेख़ौफ़ बना दिया हूँ जहां ने इश्क़ में !
ओढ़ तिरंगा सो रहा क्यों आँखों नमी है !!
देश की खातिर आ इसमें लिपट के देख !
मिलती हैं सलामियाँ 'तनु' वह तो हमी है !!... 'तनु'
आसमां मंज़िल है, क़दमों में ज़मी है !!
सोज़िशें रग रग, दीवानों की नज़र है !
सहरा भी हरा है, नहीं मेहनत में कमी है !!
तसव्वुर नहीं भूख का, मसरुफ हूँ बहुत !
कोशिशें मेरी ही ज़मी है कि थमी है !!
राहें हसीं निगाह हैं, खतरों की मंज़िलें !
मुसीबतों के मुकाम कहीं बर्फ़ जमी है!!
बेख़ौफ़ बना दिया हूँ जहां ने इश्क़ में !
ओढ़ तिरंगा सो रहा क्यों आँखों नमी है !!
देश की खातिर आ इसमें लिपट के देख !
मिलती हैं सलामियाँ 'तनु' वह तो हमी है !!... 'तनु'
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