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Thursday, January 2, 2020

ताबीर का बाज़ार है, हम तो यहीं खड़े हैं !
कितने अफ़सोस की है बात, गरीबी में पड़े हैं !!

किस्मत की कहानी में , सितम और सितमग़र !
एक अपनी ही बस्ती है, जहाँ पर शूल गड़े हैं !!

दस्तार ने कई बार उनके क़दमों को चूमा !
एक वो हैं कि आइने से बात करते अड़े हैं !!

सूरज के इशारों पे  मैं चलता ही गया हूँ !
दरिया ही रहा प्यासा ये नियम भी कड़े हैं !!

आस थी इस राह में कभी हमराह चलेंगे !
कोई नहीं जो दीया बन के तूफां से लड़े है !! .... ''तनु''



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