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Monday, May 31, 2021

जी हो कभी खराब रुलाना ठीक नहीं,

 

जी हो कभी ख़राब रुलाना ठीक नहीं,
नाज़ुक हो जज़्बात भुलाना ठीक नहीं!

मैं बेटी हूँ ख़्वाहिश मेरी खूब पढ़ूँ ,
अच्छी है शुरुआत फ़साना ठीक नहीं!

पावस की बूँद धरा पर जलधर लाई,
पर बे-मौसम बर
सात आना ठीक नहीं!

संग बेटियाँ बेटों को भी दो संस्कार,
नज़रें यूँ हर बार चुराना ठीक नहीं!

ये सियासतदान सभी मुद्दे सियासी,
अंगुलि पर संसार नचाना ठीक नहीं!

लोग हँसें, तंज करें, तब टूटता है जी,
झूठमूठ फिलहाल बहाना ठीक नहीं!

बुरा ज़माना हार छुपाई थी जग से,
भग्न हृदय आघात लगाना ठीक नहीं!

अभी ग़फलत पहचान पाना है मुश्किल,
दुनिया को हर बात बताना ठीक नहीं!

मुझसे जियादा मैं तमाशा बनती हूँ,
''तनु''छुप कर बाज़ार लगाना ठीक नहीं!..... ''तनु''

Saturday, May 29, 2021

साँस घुटती जा रही मेरी इबादतगाह में

 साँस घुटती जा रही मेरी इबादतगाह में;

है न जाने जोश कितना और मेरी आह में!


मुंतज़िर मैं प्यार का हूँ आह अब डसने लगी; 

छा रहा बेहद अँधेरा जिंदगी की राह में!


आरज़ू लेकिन कहाँ, मायूस दिल के सामने;

भूल जाऊँ आपको मैं, क्या रखा है चाह में !

जुस्तजू क्यों जाग जाती फिर दिले नादान में ;

जां करूँ मेरी निछावर रात दिन परवाह में !


दूर रहकर आज काबू दिल कोई क्या करे ;

जागती अभिलाष मेरी रख सजना निगाह में!


चाह बरसूँ बन बदरिया सावनी मैं साजना;

आ गया है देख सावन''तनु''रखना निबाह में!!.... ''तनु''


Thursday, May 27, 2021

कर चुके हम आप से,पूरी मुकम्मल चाँदनी

 

कर चुके हम आप से,पूरी मुकम्मल चाँदनी;
चाँद जैसी कर न पाए, चाँदनी सी चाँदनी!

अमावस की रात प्यासी, तिश्नगी बुझती नही;
चाँद भले चाहे मगर, हँसती नहीं है चाँदनी!

होती गयी सोहनी ग़ज़ल जागती तक़दीर भी;
अब वफ़ा के रंग भरती, आशिकी में चाँदनी!

हो गई नीलाम हसरत, हुस्न के बाजार में;
इक घड़ी सबको हँसाकर फिर रुलाती चाँदनी!

चढ़ गए सब ज्वार भाटे, जब नज़र चाँद की ;
हर समंदर की भँवर को, आजमाती चाँदनी!

इक परिंदा प्यार लेकर प्यार देता ही गया;
बे-वजह आस लेकर दिल लगाती चाँदनी!

है मुहब्बत की डगर, बेहद कठिन क्या कीजिये;
फिर मुहब्बत के महल, आबाद करती, चाँदनी!.....''तनु''


Tuesday, May 25, 2021

गाँव शहर वही है लेकिन अब डर से डर लगता है

गाँव शहर वही है लेकिन अब डर से डर लगता है;
मुहल्ले अनजान जन वीरान नगर से डर लगता है!

आस डरी, हर आह डरी, नज़र डरी, परवाह डरी डरी;
हीं प्यार हो बेशुमार, मिलती क़दर से डर लगता है!

आँगन की चिड़िया 
डरी, सभी सूखे दरख़्त काले हुए;
सन्नाटा ही बोल रहा, ठूँठ हुए शजर से डर लगता है!

इमां का साँचा छोड़कर वो ना जाने किस साँचे ढला;
झन्नाटे से आये सर फोड़ते  पत्थर से डर लगता है!

खुशियों की बस्तियों में सुहानी बरसात का मौसम 
हीं;
चह-चह, गुन-गुन ना भाये सुहाने मंज़र से डर लगता है!

ज़ह्र का प्याला रौशन-रौशन, पाप का बढ़ता संसार;
नेमत-ए-जीस्त भूल गया, हर बुत, पैकर से डर लगता है!

मंदिर-मस्जिद बंद हुए वो मूरत से बाहर निकला है;
सुकून की नींद खो गयी ''तनु'' बिस्तर से डर लगता है!...... ''तनु''



मिला हमको हर ग़म रुलाने वाला;

 

 मिला हमको हर ग़म रुलाने वाला;
 कोई तो मिलता रंज मिटाने वाला!

 दहशत भरा दिन और शाम ग़मगी;
 जाने को तैयार हुआ हर आने वाला !

 यूँ कई चेहरों में बँट गया धीरे से ;
 है अनजाना पहचान में आने वाला! 

 खिलौने तोड़ता है, बेदर्द 
खुश होता है;
 वक़्त रूठा, नहीं आया हँसाने वाला!

सिर पर साया न माँ का आँचल भी;
ना बेटा कोई आँचल में समाने वाला!

पाँव उखड जाएँगे ऐसी आँधियाँ है; 
आ ही जाता है, वो जब तब आने वाला! 

''तनु''फ़सानों में 
नया फ़साना होगा;  
 मिले हरिक ये कहानी सुनाने वाला !!...... ''तनु''



Saturday, May 22, 2021

 साँस भरते 

नये नये खतरे 

जेब कतरे 


 तन पाबंद

हृदय कार्यालय 

हुआ है बंद


जिंदगी भूल 

साँस की दुलहिन 

बिंधी है शूल.....  ''तनु ''

Friday, May 21, 2021

कोई तो शख़्स देखता बहार देर तलक

 

देखता कोई शख़्स तो बहार देर तलक ;
कैफ़ियत वो सुरूर वो ख़ुमार देर तलक!

काटने पत्थर, पानी की धार बहुत थी;
करते रहे  छेनियों की धार देर तलक!

ये मेला अपना सजाए चले चला हूँ;
राह में गुनगुनाया हूँ आज देर तलक!

नींद की शाखों पर फूले सपन फूल हैं;
ओस नहाया हुआ गुलज़ार देर तलक !

फिर इब्तिदा-ओ-इन्तिहा क्यों सोचते रहे; 
तवील सी बातों का इख़तिसार देर तलक!

उठ कर भागते रहना मेरी तासीर है;
दर्द से छटपटाया हूँ  रात देर तलक!

लिक्खूँगा जज़्बात बे -आसरा नहीं हूँ ;
''तनु''बुत कोई होगा हम- कलाम देर तलक!...... ''तनु''

Wednesday, May 19, 2021

जीवन के अंबर से, साँसों की चोरी है

जीवन के अंबर से, 
साँसों की चोरी है 
यादों के गुंचों से,    
गीतों की चोरी है 

नदि
या की कल कल में,
  प्रेम का संदेश नहीं  
गोरी के होठों से,  
   हास्य की चोरी है,....यादों के गुंचों से,

सभी तो सपन टूटे,
  पलकों की डोरी से 
रात भी लम्बी हुई,
  लम्हों की चोरी है,.....यादों के गुंचों से,

घड़ियाली आँसू हैं, 
    मौत के समंदर में 
  न दुआएँ  किसी की,  
मानव की चोरी है,....यादों के गुंचों से,

बेजान तन के सौदे,
   मानव ना शर्मिंदा 
शुबहा ना है कोई, 
  सत्य की चोरी है,.....यादों के गुंचों से,

जूझना है अकेले,
  अपनी बदकिस्मती से 
खाली हाथों लौटा, 
   राहों की चोरी है,......यादों के गुंचों से,..... ''तनु''

उजड़ती जा रही बगिया आज किसी की

 

उजड़ती जा रही बगिया आज किसी की;
सुनता न कोई सदा नासाज किसी की!

फूटते है बुलबुले,  साथ आवाज़ के;
टूटती साँस क्यों बे-आवाज़ किसी की!

शोर नदी में डूब गयी साँस की गर्मी; 
नैया डूबती बिना पतवार किसी की!

बेक़ाबू मन 
था आँखें गगन पर लगी;
उड़ने को पर फैला परवाज़ किसी की!

नाले दर्द ग़म के किससे करें फरियाद;
रोटी न पानी, राह अनजान किसी की!

पेट की खातिर, डाल, यहाँ वहाँ डेरा;
आई न अब तलक सुखमय रात किसी की!

कौन करता तहस नहस 
जीव जीवन को;
भुगतते हैं ''तनु'' सभी अगलात किसी की!....... ''तनु''
 

Saturday, May 15, 2021

ये हक़ीक़त बनी है सब के लिए

ये हक़ीक़त बनी है सब के लिए; 
बात समझें तो सही,रब के लिए! 

नेक नीयत रख,  जिंदगी जी लें;
क़ायदा है यही नए ढब के लिए!

काम आना आपका सभी के लिए;
शाम ओ सहर और शब के लिए!

करके कुछ अच्छा कल के लिए; 
और तन्हा रह जाओ तब के लिए!  

आज नहीं कल और कभी भी नहीं ;
आदतें बुरी रखना कब के लिए!

रिश्ते की 
दौलत को सहेज क'तनु'  
शुक्र खुदा का कीजिये अब के लिए!...''तनु'' 



Friday, May 14, 2021

खामोशियाँ, दे कर सिला गयीं हैं

 खामोशियाँ, दे कर सिला गयीं हैं;  
चीख चिल्लाकर दिल हिला गयीं हैं! 

मिट्टी में ये कैसी आग सी है;
चुभता हुआ काँटा खिला गयीं हैं! 

परिंदों की चह चह में डर शामिल;
ग़म लिए खुशियाँ, इब्तिला गयीं हैं !

 हमको कोई ना मिलेगा हमसा;
 बेदिली कितना ले फ़ासिला गयीं हैं ! 

दूरियाँ थी मगर साथ चलते रहे; 
मजबूरियाँ ''तनु'' तन छिला गयीं हैं !...... ''तनु''



 

Thursday, May 13, 2021

इज़हारे मुहब्बत को पैग़ाम नहीं होता

इज़हारे मुहब्बत को पैग़ाम नहीं होता;
ज़माने से हुआ इश्क़ नाकाम नहीं होता!

देने वाले अगर गर्दिश
में तू जो साथ देता;
तो ख़ताओं का तुझपर इलज़ाम नहीं होता!

कोशिश करके ख्याल से उन को निकाल कर ;
वो अगर जो न जाते दिल पशेमान नहीं होता!

याद वो फूल है जो हर सू महका करे है;
टूटे है न बिखरे है कभी पामाल नहीं होता!

चटक जाती कलियाँ चट्टान के दिल में भी;
काया जर्जर निर्बल में आराम नहीं होता!

चाँद तारों का नूर कुछ ज्यादा ही मिला देखो; 
मन में ''तनु'' जो ठाना फिर पैमान नहीं होता!.... ''तनु''


Wednesday, May 12, 2021

आदमी क्या है, पड़ा है फैकने को

आदमी क्या है, पड़ा है फैकने को;
और क्या है जो बचा है देखने को!

साँस साँस उलझ गयी कच्ची है डोरी;
आज जीवन ही सजा है झेलने को!

ज़ुल्फ़ की चाहत लिए सपन देखता है;
खोजता है सुरमई काले घने को!

पाप पुण्यों का बहीखाता लिए चला;
चर्च, मस्जिद, मंदिर मत्था टेकने को! 

नाइब करे नाउम्मीद, नहीं ठिकाना;
आदमी है गन्ना पड़ा है पेलने को !

साथ सूरज के चला नहीं 
साँच भूला;
आँच थोड़ी ''तनु'' बचा ले सेंकने को !..... ''तनु''


 

मनहर भावों को लिए किसने ये गीत गाया


मनहर भावों को लिए किसने ये गीत गाया,
अभिभूत से हृदय पर घनी कुन्तलों की छाया !
है कामना अभिलाषा, किसी को अनुराग की, ,,
जब ओस कणों पर उसने अपना नाम लिखाया !!....'तनु'

Tuesday, May 11, 2021

कोरोना हायकु

 करे एकाकी 

पल पल की झाँकी 

 नैनों में बाकी 


यम के द्वारे 

स्वागत की तैयारी 

बजे नगाड़े 


हृदय पीर

विचलित साधना 

खोयी जागीर 


मौत कहर 

पिघलते पहर 

साँस जहर ......  ''तनु''

Monday, May 10, 2021

बंदगी भी बवाल हो जाए

 


बंदगी यूँ बवाल हो जाए;
फिर इमा भी सवाल हो जाए!

कैफ़ियत मौत की लिया करते हैं;
क्यों न जिंदगी मिसाल हो जाए!

लुत्फ़ आये न क़ायदा क़ाज़ी में;
यों उरुज पर उबाल हो जाए!

हरहमेश चुहुल किया नहीं करते;
झूठ ही सच है ख़याल हो जाए!

भूखी नज़रें गुनाह करती हैं ;
के शर्मिंदा अकाल हो जाए!

चाहतें कुरबतें जिन्दा रखनी है;
रंक ''तनु'' मालामाल हो जाए!...... ''तनु''











Thursday, May 6, 2021

बात दिल पे लगी है देख ज़रा

 

बात दिल पे लगी है देख ज़रा;
के नश्तर सी चुभी है देख ज़रा!

क्यों अश्क़ खून के पिलाए तूने;
गलन और ही बढ़ी है देख ज़रा!

जिंदगी खार खार हमेशा से;
जो कभी न महकी है देख ज़रा!

कब मिलेगा जवाब दे दे तू ;
हद सवाली बनी है देख ज़रा !

ख़्वाहिशों का ज़रा गला घोटा;
ज्यादातियां हुई है देख ज़रा!

हाथ में आ गई ख़ुदाई क्या ;
आँख आँसू भरी है देख ज़रा!

हो न जाए शराब सर पे सवार;
ज़िद फिसलन भरी है देख ज़रा!

ख़ासा मग़रूर हो गया है ''तनु'';
आसमां ही ज़मी है देख ज़रा!....... ''तनु ''

अब दिलों में फासले हैं, अच्छा है

अब दिलों में फासले हैं, अच्छा है;
अब अहम के रास्ते हैं,  अच्छा है! 

गुड़ जुबाँ में घोल तो लेते जनाब ;
रही कड़वी तीखी जुबाँ,  अच्छा है !

बोल कर ऊँचा बात मनवाइये मत ;
हमेशा रहे न कोई गुलाम, अच्छा है!

उम्र भर के ख्वाब तोड़कर पूछना;
खोलिये अपने राजे दिल, अच्छा है!

छोड़कर घर चल चल दिए थे हम;
आपने फिर अब कहा, अच्छा है!........ ''तनु''

Tuesday, May 4, 2021

फैसले मत कर तू काँव काँव में

फैसले मत कर तू काँव काँव में ;
सोच शांति से तू ठंढी छाँव में !

फूल उगते नहीं बिना काँटों के;
कठिन है उलझना किसी दाव में !

इतनी आज़ादी भी बुरी है बहुत;
ज़ंज़ीरें रख थोड़ी तो पाँव में!

अब शहर शहर ढूँढना पड़ता है;
एक सिरा जो छूटा है गाँव में !

बहुत हुई दूरियाँ मेल तो रख;
आजा यहीं बसेरा ले ठाँव में !!...... 'तनु'


बात वादा कसम ईमान जायगा

 

इश्क जैसा अगर अरमान जाएगा,
बात वादा कसम ईमान जागा ??

मुझको ख़्वाबों में भी अंदाज़ा न था,
धीरे - धीरे घर से ये सामान जाएगा??

गुनगुनाते भँवरे फूल ये तितलियाँ,
क्या ख़बर थी सारा गुलिस्तान जाएगा??

यूँ बलाएं ड़ाल आगाज़ हो गया,
दिल से कैसे अब ये अहजान जाएगा??

सो गये सुर मंदिर में आरती बिन,
खो सदा नूरानी आज़ान जाएगा??

देख मौज़ूँ , मजमून ऐसा मत लिख,
भूल तुझको कैसे इंसान जाएगा ??...... 'तनु'

Monday, May 3, 2021

सच्चों की अब दासता है देखिये

 

सच्चों की अब दासता है देखिये;
झूठों से अब वास्ता है देखिये!

कुंडली मार कर घेरा इस तरह;
तड़फा तड़फा मारता है देखिये!

ऐंठ को फिर आज़मा आज़मा कर;
प्यार कैसे दफनाता है देखिये!

आबशारों यूँ जहर घुलता रहा;
मुश्किल बना रास्ता है देखिये!

जड़ लगी करने तबाह मिटटी को;
प्रेम ज्यादा ही आस्ता है देखिये!

क़ैद में अब यहाँ तुर्शियाँ-तल्खियाँ;
नीची नज़रें वाबस्ता है देखिये!

साथ मुँह के आँख भी ढँकना होगी;
साँस साँस 'तनु' शिकस्ता है देखिये!.... 'तनु'

Saturday, May 1, 2021

भूलना मत सितारों की निगेहबानी को


भूलना मत सितारों की निगेहबानी को ; 
याद रखना तुम खुदा की महरबानी को !

फूल में ख़ुश्बू रंग हीना में डाल देता है ;
तासीर देता महकते इश्क जाफरानी को !

सींच काँटों को गुलशन बना वो देता है ;
जानेगा कैसे कोई उसकी बाग़वानी को ! 

गलतियाँ हर माफ करके प्यार देता है ;
प्यार से ऐसे भुलाता तेरी बदगुमानी को !

ये दरख़्त उजड़ते, साये बरगदों के क्यूँ ;
दिलफ़िगार करे किसी की बेज़ुबानी को !

तनु ख़तायें कर रहमत खफा ना करना तुम;
भूलता न कोई किसी की बेइमानी को !.... ''तनु''