बात दिल पे लगी है देख ज़रा;
के नश्तर सी चुभी है देख ज़रा!
क्यों अश्क़ खून के पिलाए तूने;
गलन और ही बढ़ी है देख ज़रा!
जिंदगी खार खार हमेशा से;
जो कभी न महकी है देख ज़रा!
कब मिलेगा जवाब दे दे तू ;
हद सवाली बनी है देख ज़रा !
ख़्वाहिशों का ज़रा गला घोटा;
ज्यादातियां हुई है देख ज़रा!
हाथ में आ गई ख़ुदाई क्या ;
आँख आँसू भरी है देख ज़रा!
हो न जाए शराब सर पे सवार;
ज़िद फिसलन भरी है देख ज़रा!
ख़ासा मग़रूर हो गया है ''तनु'';
आसमां ही ज़मी है देख ज़रा!....... ''तनु ''
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