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Tuesday, May 4, 2021

बात वादा कसम ईमान जायगा

 

इश्क जैसा अगर अरमान जाएगा,
बात वादा कसम ईमान जागा ??

मुझको ख़्वाबों में भी अंदाज़ा न था,
धीरे - धीरे घर से ये सामान जाएगा??

गुनगुनाते भँवरे फूल ये तितलियाँ,
क्या ख़बर थी सारा गुलिस्तान जाएगा??

यूँ बलाएं ड़ाल आगाज़ हो गया,
दिल से कैसे अब ये अहजान जाएगा??

सो गये सुर मंदिर में आरती बिन,
खो सदा नूरानी आज़ान जाएगा??

देख मौज़ूँ , मजमून ऐसा मत लिख,
भूल तुझको कैसे इंसान जाएगा ??...... 'तनु'

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