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Monday, May 10, 2021

बंदगी भी बवाल हो जाए

 


बंदगी यूँ बवाल हो जाए;
फिर इमा भी सवाल हो जाए!

कैफ़ियत मौत की लिया करते हैं;
क्यों न जिंदगी मिसाल हो जाए!

लुत्फ़ आये न क़ायदा क़ाज़ी में;
यों उरुज पर उबाल हो जाए!

हरहमेश चुहुल किया नहीं करते;
झूठ ही सच है ख़याल हो जाए!

भूखी नज़रें गुनाह करती हैं ;
के शर्मिंदा अकाल हो जाए!

चाहतें कुरबतें जिन्दा रखनी है;
रंक ''तनु'' मालामाल हो जाए!...... ''तनु''











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