Labels

Saturday, May 22, 2021

 साँस भरते 

नये नये खतरे 

जेब कतरे 


 तन पाबंद

हृदय कार्यालय 

हुआ है बंद


जिंदगी भूल 

साँस की दुलहिन 

बिंधी है शूल.....  ''तनु ''

No comments:

Post a Comment