मिला हमको हर ग़म रुलाने वाला;
कोई तो मिलता रंज मिटाने वाला!
कोई तो मिलता रंज मिटाने वाला!
दहशत भरा दिन और शाम ग़मगी;
जाने को तैयार हुआ हर आने वाला !
यूँ कई चेहरों में बँट गया धीरे से ;
है अनजाना पहचान में आने वाला!
खिलौने तोड़ता है, बेदर्द खुश होता है;
वक़्त रूठा, नहीं आया हँसाने वाला!
सिर पर साया न माँ का आँचल भी;
ना बेटा कोई आँचल में समाने वाला!
पाँव उखड जाएँगे ऐसी आँधियाँ है;
आ ही जाता है, वो जब तब आने वाला!
''तनु''फ़सानों में नया फ़साना होगा;
मिले हरिक ये कहानी सुनाने वाला !!...... ''तनु''
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