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Tuesday, May 25, 2021

मिला हमको हर ग़म रुलाने वाला;

 

 मिला हमको हर ग़म रुलाने वाला;
 कोई तो मिलता रंज मिटाने वाला!

 दहशत भरा दिन और शाम ग़मगी;
 जाने को तैयार हुआ हर आने वाला !

 यूँ कई चेहरों में बँट गया धीरे से ;
 है अनजाना पहचान में आने वाला! 

 खिलौने तोड़ता है, बेदर्द 
खुश होता है;
 वक़्त रूठा, नहीं आया हँसाने वाला!

सिर पर साया न माँ का आँचल भी;
ना बेटा कोई आँचल में समाने वाला!

पाँव उखड जाएँगे ऐसी आँधियाँ है; 
आ ही जाता है, वो जब तब आने वाला! 

''तनु''फ़सानों में 
नया फ़साना होगा;  
 मिले हरिक ये कहानी सुनाने वाला !!...... ''तनु''



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