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Thursday, May 13, 2021

इज़हारे मुहब्बत को पैग़ाम नहीं होता

इज़हारे मुहब्बत को पैग़ाम नहीं होता;
ज़माने से हुआ इश्क़ नाकाम नहीं होता!

देने वाले अगर गर्दिश
में तू जो साथ देता;
तो ख़ताओं का तुझपर इलज़ाम नहीं होता!

कोशिश करके ख्याल से उन को निकाल कर ;
वो अगर जो न जाते दिल पशेमान नहीं होता!

याद वो फूल है जो हर सू महका करे है;
टूटे है न बिखरे है कभी पामाल नहीं होता!

चटक जाती कलियाँ चट्टान के दिल में भी;
काया जर्जर निर्बल में आराम नहीं होता!

चाँद तारों का नूर कुछ ज्यादा ही मिला देखो; 
मन में ''तनु'' जो ठाना फिर पैमान नहीं होता!.... ''तनु''


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