अब दिलों में फासले हैं, अच्छा है;
अब अहम के रास्ते हैं, अच्छा है!
अब अहम के रास्ते हैं, अच्छा है!
गुड़ जुबाँ में घोल तो लेते जनाब ;
रही कड़वी तीखी जुबाँ, अच्छा है !
बोल कर ऊँचा बात मनवाइये मत ;
हमेशा रहे न कोई गुलाम, अच्छा है!
उम्र भर के ख्वाब तोड़कर पूछना;
खोलिये अपने राजे दिल, अच्छा है!
छोड़कर घर चल चल दिए थे हम;
आपने फिर अब कहा, अच्छा है!........ ''तनु''
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