मेरा काव्य सांद्र और, आप संतृप्त घोल !!
मेरे ये नन्हे मुक्तक आपके तो तोल बोल !
खुश होकर नसीब पर मैं अपने वारि जाऊँ ,
जितने भी मिले हैं भाई सारे हैं अनमोल !!
मेरे ये नन्हे मुक्तक आपके तो तोल बोल !
खुश होकर नसीब पर मैं अपने वारि जाऊँ ,
जितने भी मिले हैं भाई सारे हैं अनमोल !!
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