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Saturday, November 8, 2014

इंतज़ार नहीं !!! सुबह  आ  धमकी ढेर काम लिए, 
वक्त नज़ाकत से चल रहा था मन में अरमान लिए ,
क्यों भूलना कठिन है ?  क्यों याद रखना कठिन  ,
सुबह !! सुबह !!  योजना रात ही सारे सामान लिए..... ''तनु ''






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