लेखनी लड़ने के लिए नहीं होती है,
न लेखनी लड़ाने के लिए होती है!
ये साहित्यकार का हथियार है,
ये फूल खिलाने के लिए होती है!!
लेखनी तोड़ने के लिए नहीं होती है ,
लेखनी जुड़ने के लिए होती है !
कलम को आशीष है माँ शारदे का ,
ये मन मिलाने के लिए होती है !!''तनु ''
न लेखनी लड़ाने के लिए होती है!
ये साहित्यकार का हथियार है,
ये फूल खिलाने के लिए होती है!!
लेखनी तोड़ने के लिए नहीं होती है ,
लेखनी जुड़ने के लिए होती है !
कलम को आशीष है माँ शारदे का ,
ये मन मिलाने के लिए होती है !!''तनु ''
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