Labels

Saturday, November 22, 2014


तिल ही तो बोये थे !! हुए ताड़ कैसे कैसे ??
दिल ही तोड़ने के हुए, जुगाड़ कैसे कैसे ??
भाव विहीन चेहरे हैं कोशिशें है नाकाम ,
बुत के लिए काटे गए पहाड़ कैसे कैसे ??''तनु ''

No comments:

Post a Comment